लोफ़र नग्मे
Thursday, May 24, 2012
चारासाज़ लाऊं जो तबियत अगर खराब,
नीयत खराब हो तो हम हाज़िर हैं जनाब .
लोफ़र
रोज़ हम मौत को गुमराह किया करते हैं ,
और इस भ्रम को हम रोज़ जिया करते हैं .
लोफ़र
मुझी से आग चाहता है औ' उजाला भी ,
वो हमें हमेशा दिया बना कर रखता है
लोफ़र
Wednesday, May 23, 2012
बस यहीं से शुरू होता है मेरी जिन्दगी का सफ़र ....
वो मील के पत्थर की तरह मुझको खडी मिलती है ....
लोफ़र
ख्वाब में भी जब तुम्हारा नक्श पा जाता हूँ मै ..
फिर वही बरसों पुराना शख्श हो जाता हूँ मै .......
लोफ़र
हमारी रूह भी उसकी छुअन से यूँ लरज़ती है ....
हवा के हलके झोंके से शमाँ जैसे मचलती है ...
लोफ़र
मेरी यादों से महफ़िल सजाये बैठे हो ...
गर मै नही आया तो तुम ही चले आते .
लोफ़र
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